”Maharshi Badrayan ‘Vedvyas’s Brahmsutra…


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महर्षि बादरायण ‘वेदव्यास’ प्रणीत “ब्रह्मसूत्र ” तथा जगद्गुरु आदि शकराचार्य रचित “शारीरक-मीमांसा-भाष्यम् “
महर्षि बादरायण ‘वेदव्यास’ प्रणीत “ब्रह्मसूत्र ” तथा जगद्गुरु आदि शकराचार्य रचित “शारीरक-मीमांसा-भाष्यम् ” ‘वेदग्रंथ ‘ है , जो चारो वेदोका ज्ञानकांड है, इसको हृदयंगम करने हेतु भरत पुरुषोत्तम ,वड़ोदरा, गुजरातसे है, गुजराती भाषानुवाद और ‘परम ज्योति’ व्याख्याकीरचना कीहै ,उसका हेतु जीवात्माका परम निःश्रेयस, मोक्ष, संसार-बंधनसे मुक्ति- है I जो इसका परमात्मा और सद्गुरु पूर्वक अनुशीलन-चिंतन-श्रवण-मनन-निदिध्यासन करेगा, वह निःसंदेह परम निःश्रेयसको प्राप्त कर लेता है I विशेष फाइल्स द्रष्टव्य है I भरत पुरषोत्तम सरस्वती I वड़ोदरा, गुजरात. I